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रेबीज रोग क्या है ? यह रोग किस प्रकार से फैलता है ?

रेबीज रोग क्या है ? यह रोग किस प्रकार से फैलता है ?

रेबीज रोग एक ऐसी बीमारी है। जो मानव को पागल कुत्ते या चमगादड़ के काटने से होती है रेबीज रोग वायरस के कारण फैलता है। इस रोग का वायरस कुत्ते की लार मे पाया जाता है। जब कुत्ता किसी व्यक्ति को काटता है। कुत्ते के काटने पर यह वायरस व्यक्ति के शरीर मे चला जाता है। जिससे व्यक्ति के शरीर मे आंतरिक संक्रमण पैदा हो जाता है। रेबीज रोग हो जाने पर कई दिनों तक इसके लक्षण दिखाई नहीं देते है। जब यह रोग तंत्रिका तंत्र तक पहुंच जाता है। जब इस रोग के लक्षण दिखाई देने लगते है। रेबीज रोग हो जाने पर रोगी की मांसपेशियों में दर्द होने लगता है। रेबीज रोग हो जाने पर ,यह रोगी के तंत्रिका तंत्र को प्रभवित करता है। रेबीज रोग हो जाने पर रोगी को तुरंत टिका लगवा लेना चाहिए। रेबीज रोग एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है। इस बीमारी के कारण रोगी की जान भी जा सकती है। रेबीज रोग का पता लगते ही इसका तुरंत इलाज करवा लेना चाहिए।

रेबीज रोग हो जाने पर क्या-क्या लक्षण दिखाई देते है ?

रेबीज रोग हो जाने पर कई दिनों तक इसके लक्षण दिखाई नहीं देते है। जब यह रोग तंत्रिका तंत्र तक पहुंच जाता है। जब इस रोग के लक्षण दिखाई देने लगते है।

  • रेबीज रोग हो जाने पर रोगी को बुखार हो जाता है।
  • रेबीज रोग हो जाने पर रोगी को खांसी होती है।
  • रेबीज रोग हो जाने पर रोगी का गला खराब हो जाता है।
  • रेबीज रोग हो जाने पर रोगी की मांसपेशियों में दर्द होने लगता है।
  • रेबीज रोग हो जाने पर रोगी को को बैचनी रहती है।
  • रेबीज रोग हो जाने पर रोगी को दोरे पड़ने लगते है।
  • रेबीज रोग हो जाने पर रोगी के दिल की धड़कन बहुत तेज हो जाती है।
  • रेबीज रोग हो जाने पर रोगी बहुत तेजी से सांस लेने लगता है।
  • रेबीज रोग हो जाने पर रोगी के घाव मे जलन और खुजली होने लगती है।
  • रेबीज रोग हो जाने पर रोगी को थकान और चिंता रहती है।
  • रेबीज रोग हो जाने पर रोगी के सिर मे दर्द हो जाता है।
  • रेबीज रोग हो जाने पर रोगी को बुरे सपने आने लगते है।
  • रेबीज रोग हो जाने पर रोगी को नींद नहीं आती है।
  • रेबीज रोग हो जाने पर रोगी को उल्टी आती है और उसका जी मिचलाता है।

रेबीज रोग किन-किन कारणों से होता है ?

  • रेबीज रोग ज्यादातर लोगो को पागल कुत्ते के काटने से होता है।
  • रेबीज रोग संक्रमण के कारण भी होता है।
  • रेबीज रोग चमगादड़ के काटने के कारण भी होता है।
  • रेबीज रोग से संक्रमित जानवर जब किसी अन्य जानवर या व्यक्ति को खरोंचता या काटता है तब उसको रेबीज रोग हो जाता है।
  • रेबीज रोग गर्म खून वाले जानवरो के कारण होता है उनकी लार मे इसका वायरस जमा हो जाता है।
  • रेबीज़ सबसे ज़्यादा चमगादड़, स्कंक, रैकून और लोमड़ियों में पाया जाता है।

रेबीज रोग से बचने के क्या क्या उपाय है ?

रेबीज रेबीज रोग से बचने के कुछ घरेलू उपचार:

  1. निम के पत्तो का उपयोग:
    निम के पत्तो को पानी मे उबाल कर उस पानी से नहाने से त्वचा संक्रमण और खुजली मे आराम मिलता है। नीम की पत्तियों मे एंटी-बैक्टीरियल,और एंटी-वायरल के गुण होते हैं।
    यह एक ऐसी औषधि है। जिसका प्रयोग अनेक बीमरियों मे किया जाता है।
  2. एलोवेरा जेल का उपयोग:
    रेबीज रोग हो जाने पर,रोगी के घाव पर एलोवेरा जेल का प्रयोग करना चाहिए। जिससे रोगी को खुजली मे आराम मिलता है और घाव की जलन कम हो जाती है।
  3. हल्दी का उपयोग:
    रेबीज रोग हो जाने पर रोगी के घाव पर हल्दी पाउडर को नारियल के तेल मे मिलकर लगाने से रोगी को आराम मिलता है। और रोगी का संक्रमण जल्दी ठीक हो जाता है।
  4. तुलसी के पत्तो का उपयोग:
    रेबीज रोग हो जाने पर रोगी को तुलसी के पत्तो का रस घाव पर लगाने से संक्रमण बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।
  5. लहसुन का उपयोग:
    रेबीज रोग हो जाने पर लहसुन की कलियों को पीसकर इसका पेस्ट रोगी के घाव पर लगाने से यह बैक्टीरियल संक्रमण को ठीक करने में रोगी की मदद करता है।
  6. मेथी के बीज:
    रेबीज रोग हो जाने पर रोगी को मेथी के बीजो को पीसकर संक्रमित जगह पर लगाने से रोगी की त्वचा को ठंडक मिलती है और संक्रमण ठीक हो जाता है।
    अगर किसी व्यक्ति को रेबीज रोग हुआ है, तो उसके आस-पास के क्षेत्र को साफ-सुथरा रखें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करें।

रेबीज रोग से बचने के कुछ चिकित्सा उपचार:

  • रेबीज रोग से बचने के लिए रोगी को रेबीज रोग का टिका लगवा लेने चाहिए।
  • रेबीज रोग हो जाने पर रोगी को एंटीपैरासिटिक दवाओ का प्रयोग करना चाहिए जिससे संक्रमण जल्दी ठीक हो जाता है।
  • रेबीज रोग हो जाने पर रोगी को एंटीबायोटिक्स दवाओ का प्रयोग करना चाहिए जिससे बैक्टीरियल संक्रमण मे आराम मिलता है।
  • एंटी-हिस्टामिनिक दवाओ का प्रयोग करना चाहिए जिससे रोगी को खुजली और जलन मे आराम मिलता है।
  • अपने घर के पालतू जानवर जैसे कुत्ता ,उनको रेबीज रोग का टिका जरूर लगवाना चाहिए।
  • रेबीज रोग का पता लगते ही इसका तुरंत इलाज करवा लेना चाहिए।

निष्कर्ष:-

रेबीज रोग एक बहुत ही खतरनाक रोग है। यह रोग किसी भी व्यक्ति को हो सकता है रेबीज रोग हो जाने पर रोगी को तुरंत टिका लगवा लेना चाहिए रेबीज रोग पागल कुत्ते या चमगादड़ के काटने के कारण होता है। है रेबीज रोग वायरस के कारण फैलता है। इस रोग का वायरस कुत्ते की लार मे पाया जाता है। रेबीज रोग एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है। रेबीज रोग का पता लगते ही इसका तुरंत इलाज करवा लेना चाहिए। इस बीमारी के कारण रोगी की जान भी जा सकती है।

 

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