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महिलाओ में बांझपन की समस्या क्या है ?

महिलाओ में बांझपन की समस्या क्या है ? महिलाओं में बांझपन के क्या कारण है ?

महिलाओ में बांझपन की समस्या एक गंभीर समस्या है। जो महिलाओ पर सामाजिक और मानसिक रूप से प्रभाव डालती है। महिलाओ में बांझपन की समस्या के कई कारण हो सकते है। इन कारणों का पता लगते ही ,इस बीमारी का इलाज किया जाता है। महिलाओ मे उम्र बढ़ने के कारण प्रजनन क्षमता घट जाती है। जिसके कारण उनको गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है। महिलाओ में बांझपन की समस्या एस्ट्रोजन हार्मोन की अधिकता के कारण भी होती है। महिलाओ मे बांझपन की समस्या तनाव ,आत्म-सम्मान मे कमी महसूस कर सकती है। अगर किसी महिला को कोई अन्य रोग है। जैसे की मधुमेह या ऑटोइम्यून रोग तो उस महिला को बांझपन का रोग हो जाता है। अगर कोई महिला बांझपन की समस्या से गुजर रही है। तो उसको किसी विशेषज्ञ या प्रजनन स्वास्थ्य चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। इस समस्या का उपचार होने पर वह गर्भधारण में सफल हो सकती हैं।

महिलाओं में बांझपन के क्या-क्या कारण है ?

बहुत से कारणो से महिलाए बांझपन रोग का शिकार हो जाती है। महिलाओ मे बांझपन रोग होने के कारण वे बच्चो को जन्म नहीं दे सकती है महिलाओ मे बांझपन रोग के कारणो का पता लगते ही इसका इलाज किया जाता है।

महिलाओ मे बांझपन रोग निम्न कारणों से होता है-

  • महिलाओ में अंडाणु उत्पादन की समस्या के कारण महिला बांझपन का शिकार हो जाती है।
  • महिलाओ में फैलोपियन ट्यूब में किसी प्रकार का अवरोध होने के कारण अंडाणु और शुक्राणु का सही प्रकार से मिलन नहीं हो पता। जिसके कारण गर्भधारण नहीं हो सकता।
  • महिलाओ में मासिक धर्म का न होना या अनियमित रूप से होना भी बांझपन का एक मुख्य कारण है।
  • मोटापे के कारण बहुत सी महिलाए बांझपन रोग का शिकार हो जाती है।
  • पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कारण महिलाए बांझपन रोग का शिकार हो जाती है।
  • बहुत सी महिलाओ मे यौन संचारित संक्रमण के कारण बांझपन रोग हो जाता है।
  • धूम्रपान और शराब का सेवन करने के कारण महिलाओ में बांझपन रोग हो जाता है।
  • महिलाओ में बहुत अधिक तनाव और चिंता के कारण हार्मोन संतुलन बिगड़ जाता है जिससे कारण प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है।
  • असंतुलित भोजन का अधिक सेवन करने से भी यह रोग हो जाता है।

महिलाओ में बांझपन रोग होने पर क्या लक्षण दिखाई देते है ?

  • महिलाओ में मासिक धर्म चक्र का अनियमित होना।
  • महिलाओ में बिना किसी कारण से वजन का घटना या बढ़ना।
  • महिलाओ में पीरियड्स के के समय बहुत अधिक दर्द होना।
  • महिलाओ में हार्मोन का बदलाव होना।
  • किसी भी महिला को लगातार गर्भपात का होना।
  • किसी भी महिला को लम्बे से गर्भधारण न होना।
  • बांझपन रोग मे महिला को लगातार थकान और कमजोरी होना।
  • महिलाओ मे लगातार पेल्विक दर्द का होना।

महिलाओ के बांझपन रोग का इलाज कैसे किया जाता है ?

महिला बांझपन रोग का इलाज उसके कारणो के आधार पर किया जाता है। इस रोग के इलाज के लिए इस बात की जाँच की जाती है की महिला को किस प्रकार की बीमारी है। बीमारी का पता लगने पर ही ,इस रोग का इलाज किया जाता है।

इस रोग का इलाज कुछ इस प्रकार से किया जाता है:-

  1. दवाओं द्वारा उपचार:
    ओव्यूलेशन की समस्या होने पर महिलाओ को दवाऔ के उपयोग करने के बारे बताया जाता है।
    यदि किसी महिला को पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम है। तो उस महिला द्वारा मेटफॉर्मिन दवा का उपयोग किया जा सकता है।
    क्लोमीफीन साइट्रेट दवा का प्रयोग महिलाओ मे ओव्यूलेशन को प्रेरित करने के लिए किया जाता है।
    बांझपन रोग का उपचार करने के लिए महिलाओ को प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाली दवाएँ दी जाती है।
  2. सर्जरी द्वारा उपचार:
    कई बार महिलाओ मे किसी कारण से फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक या क्षतिग्रस्त हो जाती है। तो सर्जरी द्वारा इसे ठीक किया जाता है।
    बहुत बार महिलाओ के गर्भाशय में फाइब्रॉइड्स या सिस्ट होने पर,इसका इलाज सर्जरी द्वारा ठीक किया जाता है।
  3. आर्टिफिशियल प्रजनन तकनीक द्वारा उपचार:
    इस तकनीक के द्वारा महिला के अंडे को पुरुष के शुक्राणु के साथ लैब में निषेचित किया जाता है और इसके बाद भ्रूण को गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है।
  4. जीवनशैली में बदलाव से उपचार:
    बांझपन रोग होने पर महिला को संतुलित आहार का सेवन और नियमित रूप से योग करना चाहिए।
    बांझपन रोग होने पर महिला को धूम्रपान का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
    बांझपन रोग होने पर महिला को कम से कम सात घंटे की नींद लेनी चाहिए।
    बांझपन रोग होने पर महिला को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।

 

 

 

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