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थायराइड क्या है ? महिलाओं में थायराइड के लक्षण क्या होते हैं?

थायराइड क्या है ? महिलाओं में थायराइड के लक्षण क्या होते हैं?

थायराइड हमारे शरीर की एक गले की ग्रंथि है। थायराइड ग्रंथि हमारे शरीर मे एक अंतःस्रावी ग्रंथि होती है। यह ग्रंथि हमारे शरीर मे गर्दन के निचले भाग मे, ट्रेकिया के सामने स्थित होती है। थायराइड ग्रंथि तितली के आकार की होती है। यह ग्रथि हमारे शरीर मे बहुत से काम करती है। थायराइड ग्रंथि बहुत से हार्मोनो का उत्पादन करती है। थायराइड हार्मोन हमारे शरीर मे सभी प्रकार की गतिविधियों को कन्ट्रोल करता है। थायराइड ग्रंथि मे कुछ समस्या होने के कारण थायराइड रोग हो जाता है।

थायराइड के शरीर मे क्या कार्य है ?

थायराइड शरीर में बहुत से काम करता है। अगर थायराइड हमारे शरीर में काम करना बंद कर दे तो शरीर का सारा संतुलन बिगड़ जाएगा थायराइड के कार्य निम्नलिखित है –
थायराइड ग्रंथि शरीर का संतुलन बनाए रखती है।
थायराइड शरीर मे ऊर्जा का उत्पादन करके उसका उपयोग करता है।
थायराइड शरीर मे दिल की धड़कन ,मांसपेशियों की कार्यप्रणाली और शरीर मे अनेक प्रकार की गतिविधियों को कंट्रोल करती है।
थायराइड ग्रंथि शरीर को अनेक बीमारियों से बचाती है।

थायराइड रोग क्या है ?

जब थायराइड ग्रंथि मे किसी रोग के कारण कोई समस्या पैदा हो जाती है। जब थायराइड ग्रथि ठीक ढंग से काम नहीं करती। यह ग्रंथि थायराइड रोग से ग्रस्त हो जाती है।

महिला मे थायराइड रोग कितने प्रकार का होता है ?

महिला मे थायराइड रोग समान्य रूप से अन्य लोगो जैसा होता है। यह रोग पुरुषो की तुलना मे महिलाओ मे अधिक होता है। यह रोग महिलाओं मे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने के कारण होता है।

महिला मे थायराइड रोग दो प्रकार का होता है:-

हाइपरथायरायड:-
हाइपरथायरायड रोग हो जाने पर थायराइड ग्रंथि बहुत अधिक मात्रा मे हार्मोन बनाती है। थायराइड ग्रंथि टी3 और टी4 थायराक्सिन हार्मोन बनाती है। जो हार्मोन पाचन तंत्र ह्रदय दर और शरीर के तापमान पर सीधा प्रभाव डालते है। महिलाओं में सबसे आम थायराइड की समस्या है। जब शरीर का हार्मोन संतुलन बिगड़ जाता है जब शरीर का वजन कम या ज्यादा होने लगता है। शरीर का वजन कम होने के कारण शरीर मे कमजोरी आ जाती है। यह रोग हो जाने पर रोगी के दिल की धड़कन बढ़ जाती है। ऐसी कुछ समस्या होने को थायराइड की समस्या के नाम से जाना जाता हैं।

हाइपरथायराइड रोग होने पर क्या क्या लक्षण दिखाई देते है?

हाइपरथायरायड रोग होने पर महिलाओ मे बहुत से लक्षण दिखाई देते है:-

  • हाइपरथायराइड रोग होने पर महिलाओ का स्वभाव चिड़-चिड़ा हो जाता है।
  • यह रोग हो जाने पर रोगी महिला के बाल झड़ने लगते है।
  • यह रोग हो जाने पर रोगी महिला का चेहरा फूलने लगता है।
  • यह रोग हो जाने पर रोगी महिला की त्वचा रूखी और खुरदरी हो जाती है।
  • यह रोग हो जाने पर रोगी महिला को कब्ज की बीमारी हो जाती है।
  • यह रोग हो जाने पर रोगी महिला के हाथ पैर ठंडे पड़ जाते है।
  • यह रोग हो जाने पर रोगी महिला के शरीर के अंग सूज जाते है।
  • यह रोग हो जाने पर रोगी महिला का दिल धीमी गति से धड़कने लगता है।
  • यह रोग हो जाने पर रोगी महिला को भूख बहुत ज्यादा लगती है।
  • यह रोग हो जाने पर रोगी महिला को बांझपन की समस्या हो जाती है।
  • यह रोग हो जाने पर रोगी महिला का शरीर कमजोर हो जाता है।
  • यह रोग हो जाने पर महिला रोगी का वजन घटने लगता है।
  • यह रोग हो जाने पर रोगी महिला को घबराहट होती है और बहुत ज्यादा पसीना आने लगता है।

हाइपोथायरॉइड:-
हाइपोथायरायड रोग हो जाने पर थायराइड ग्रंथि बहुत ही कम मात्रा मे हार्मोन बनाती है। हमारे शरीर की ज्यादातर सभी कार्य प्रणाली थायराइड ग्रंथि से उत्पादन किये गए हार्मोनो पर काम करती है। हार्मोन न बनने के कारण शरीर के अन्य कामो मे रुकवाट पैदा हो जाती है। यह रोग हो जाने पर रोगी का वजन बढ़ने लगता है। और अधिक मोटापा आ जाता है जिसके कारण रोगी को लगातार थकान ममहसूस होने लगती है।

हाइपोथायरॉइड रोग होने पर क्या क्या लक्षण दिखाई देते है ?

हाइपोथायरॉइड रोग होने पर महिलाओ मे बहुत से लक्षण दिखाई देते है:-

  • यह रोग हो जाने पर रोगी को पसीना बहुत कम आता है।
  • यह रोग हो जाने पर रोगी के दिल की धड़कन की गति धीमा हो जाती है।
  • यह रोग हो जाने पर रोगी के बाल अधिक झड़ने लगते है।
  • यह रोग हो जाने पर रोगी का वजन बढ़ने लगता है।
  • यह रोग हो जाने पर रोगी को लगातार थकान का महसूस होती है।
  • यह रोग हो जाने पर रोगी को ज्वाइंट पेन और मांसपेशियों मे अकड़न होने लगती है।
  • रोगी को बहुत अधिक डिप्रेशन हो जाता है।
  • रोगी को कब्ज की बीमारी हो जाती है।
  • रोगी को समय पर पीरियड्स नही होते है।
  • रोगी की यादाश्त कमजोर होने लगती है।
  • रोगी की आखों और चेहरे पर सूजन हो जाती है।
  • रोगी के खून मे कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है।
  • रोगी को ठंड लगने लगती है।

थायराइड रोग होने के क्या कारण है ?

थायराइड रोग तब होता है जब शरीर में किसी कारण से रोग प्रतिरोध क्षमता कमजोर हो जाती है।

थायराइड रोग बहुत से कारणों से होता है:-

  • जब शरीर मे आयोडीन की कमी हो जाती है ,या फिर आयोडीन की मात्रा जरूरत से अधिक हो जाती है।
  • थायराइड रोग होने का एक आनुवांशिक कारण भी है।
  • थायराइड रोग थायराइड ग्रंथि मे सूजन होने के कारण भी होता है।
  • थायराइड ग्रंथि में कैंसर होने के कारण भी यह रोग हो जाता है।
  • शरीर मे हार्मोन बदलने के कारण भी यह रोग हो जाता है।
  • जब शरीर की रोग प्रतिरोध क्षमता कमजोर होने के कारण भी यह रोग हो जाता है।

थायरॉइड रोग होने पर इसका पता किस प्रकार लगाया जाता है ?

थायरॉइड रोग होने पर इसका पता निम्नलिखित प्रकार से लगाया जाता है:-

  1. शारीरिक जाँच:-
    थायराइड रोग हो जाने पर इसका पता इसके लक्षणों को देखकर लगाया जाता है। थायराइड रोग हो जाने पर गर्दन के नीचे सूजन हो जाती है और थायराइड ग्रंथि सामान्य रूप से बड़ी हो जाती है। जिसके कारण रोगी को खाते पीते समय समस्या हो जाती है और त्वचा खुरदरी हो जाती है।
  2. खून की जाँच:-
    थायराइड रोग का पता करने के लिए कुछ थायराइड हार्मोनो की जाँच करने के लिए खून को टेस्ट किया जाता है खून की इस जाँच से यह पता चल जाता है की हमारे शरीर मे हार्मोनो की मात्रा कम या अधिक है। और थायराइड ग्रंथि मे कुछ गड़बड़ तो है।
  3. इमेजिंग टेस्ट:-
    इस टेस्ट के द्वारा अल्ट्रासाउंड की सहायता से थायराइड ग्रंथि की जाँच की जाती है।
    और यह पता लगाया जाता है की थायराइड ग्रंथि मे किसी प्रकार की कोई परेशानी गांठ ,या अन्य प्रकार की कोई अजीब आकृति तो नही है। एक अन्य जाँच से यह पता लगाया जाता है। की आयोडीन का सही मात्रा में उपयोग हो रहा है यह स्कैन करने पर ही पता चलता है थायराइड ग्रंथि कितनी अच्छी प्रकार से काम कर रही है।इस प्रकार की जाँच से थायराइड के बारे मे पूरी जानकारी मिल जाती है।

थायराइड रोग के लिए घरेलु उपचार क्या है ?

थायराइड रोग हो जाने पर इसका उपचार कुछ घरेलू तरीको से भी किया जाता है:-

  1. आयोडीन:-
    थायराइड रोग होने पर रोगी को आयोडीन का सेवन अधिक मात्रा मे करना चाहिए। आयोडीन मुख्य रूप से प्याज ,लहसुन और टमाटर मे पाया जाता है।
  2. हरा धनिया:-
    थायराइड रोग के इलाज के लिए हरे धनिये को पिसकर इसका एक पेस्ट बना लें। और हर रोज इसको एक गिलास पानी में घोल कर पिएं। इससे धीरे-धीरे थायराइड की बीमारी मे आराम मिलेगा।
  3. लौकी:-
    थायराइड रोग के मरीज लौकी का जूस भी पी सकते है। थायराइड के रोगी को हर रोज सुबह खली पेट लौकी का जूस पिने से थायराइड रोग में आराम मिलता है।
  4. हल्दी:-
    थायराइड रोग हो जाने पर रोगी को इसके इलाज के लिए रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीना पीना चाहिए जिससे थायराइड के रोग मे कुछ हद तक आराम मिलता है।
  5. नारियल का पानी:-
    नारियल का पानी भी थायराइड रोग के इलाज के लिए फायदेमंद होता है। थायराइड के रोगी को नारियल के पानी का कम से कम दो दिन में एक बार सेवन करना चाहिए।
  6. तुलसी:-
    थायराइड रोग के इलाज के लिए तुलसी के पत्तो का भी उपयोग किया जाता है। तुलसी के पत्तो का रस एलोवेरा जूस मे मिलाकर सेवन करने से थायराइड रोग ठीक हो जाता है।
  7. मुलेठी:-
    थायराइड के रोगी को मुलेठी का सेवन करने से भी इस रोग मे आराम मिलता है।
  8. काली मिर्च:-
    थायराइड रोग हो जाने पर रोगी को हर रोज भोजन मे काली मिर्च का भी सेवन करना चाहिए काली मिर्च के सेवन से थायराइड रोग में आराम मिलता है।
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