रक्त चाप क्या है ? इसको कैसे मापा जाता है ?
मानव शरीर मे हृदय रक्त को संचारित करने का करता है। जब मनुष्य के शरीर मे रक्त वाहिकाओं की दीवारों पर पड़ने वाले दबाव मे परिवर्तन होता है। जब हृदय धमनियों मे रक्त को दबाता है। तो दबाव बढ़ जाता है। जब हृदय सिकुड़ता है। तो रक्त का दबाव बढ़ जाता है। किसी भी व्यक्ति का रक्त चाप हर समय बदलता रहता है।
रक्त चाप के क्या कारण है ?
रक्त चाप पर बहुत से कारक प्रभाव डालते है-
- जब शरीर मे हृदय जोर से रक्त को पंप करता है। तो रक्त चाप बढ़ जाता है। और जब हृदय की पंपिंग कम हो जाती है। तो रक्त चाप कम हो जाता है।
- जब हृदय की धमनियों मे संकुचन होता है। तब रक्त चाप बढ़ जाता है।
- मनुष्य के शरीर में रक्त का आयतन भी रक्त चाप को प्रभावित करता है। अधिक रक्त का आयतन होने पर रक्त का दबाव बढ़ जाता है और रक्त का आयतन कम होने पर रक्त का दबाव कम हो जाता है।
- जब मनुष्य आराम करता है ,तो उसका रक्त चाप सामान्य हो जाता है।
- जब मनुष्य अधिक तनाव और चिंता की स्थिति मे होता है। तो रक्त चाप बढ़ जाता है।
- मनुष्य के शरीर मे जब हार्मोन बदलते है। तो उस समय रक्त चाप मे बदलाव आ जाता है।
- जब मनुष्य बहुत अधिक धूम्रपान और शराब का सेवन करता है। तो उस समय उसका रक्त चाप बढ़ जाता है।
रक्त चाप को कैसे मापा जाता है ?
- जब किसी भी व्यक्ति का रक्त चाप मापा जाता है। तो सबसे पहले बाजू के ऊपर से किसी भी प्रकार के तंग कपड़े को हटा दें।
- रक्त चाप मापते समय बाजू के चारो और कफ लपेटे ताकि बाजू सही प्रकार से ढ़की जाए।
- रक्त चाप मापते समय अपने हाथो को हृदय पर रख लें।
- कफ को रबर की नली से हवा भरकर फुलाया जाता है। कफ फूलने पर रक्त का संचरण अस्थाई रूप से रुक जाता है।
- स्टेथोस्कोप का उपयोग करके मनुष्य की धड़कन और रक्त के प्रवाह की ध्वनि को सुना जाता है।
- रक्त चाप को मिलीमीटर एचजी मे मापा जाता है।
- रक्त चाप को घर पर भी मापा जा सकता है। जिससे सही समय पर उच्च रक्त चाप और निम्न रक्त चाप का पता लगाया जा सकता है।
रक्त चाप कितने प्रकार का होता है ?
रक्त चाप दो प्रकार का होता है।
- सिस्टोलिक रक्त चाप (हाइपरटेंशन)
यह रक्त का वह दबाव है। जब हृदय रक्त को पंप करता हैउस समय धमनियों में सबसे ज्यादा दबाव होता है। यह प्रकिया तब होती है जब मानव का ह्रदय फैलता है - डायस्टोलिक रक्त चाप (हाइपोटेंशन)
डायस्टोलिक रक्त चाप तब होता है। जब मानव का हृदय रक्त का पंप नहीं करता है। उस समय धमनियों में दबाव कम होता है।
उच्च रक्त चाप (हाइपरटेंशन) होने पर क्या लक्षण दिखाई देते है ?
- उच्च रक्त चाप होने पर व्यक्ति के सिर मे दर्द होता है।
- उच्च रक्त चाप होने पर व्यक्ति को चक्कर आने लगते है।
- उच्च रक्त चाप होने पर व्यक्ति की छाती मे दर्द होने लगता है।
- उच्च रक्त चाप होने पर व्यक्ति को बहुत थकान होने लगती है।
- उच्च रक्त चाप होने पर व्यक्ति को साँस लेने मे कठिनाई होती है।
निम्न रक्त चाप (हाइपोटेंशन) होने पर क्या लक्षण दिखाई देते है ?
- निम्न रक्त चाप होने पर रोगी को चक्कर आने लगते है।
- निम्न रक्त चाप होने पर रोगी बेहोश हो जाता है।
- निम्न रक्त चाप होने पर रोगी को धुंधला दृष्टि रोग हो जाता है।
- निम्न रक्त चाप होने पर रोगी के हाथ -पैर ठंडे पड़ जाते है।
उच्च रक्त चाप का उपचार किस प्रकार से किया जाता है?
किसी भी व्यक्ति को उच्च रक्त चाप जब होता है। जब धमनियों में रक्त का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है। उच्चरक्त चाप होने पर इसका करवाना बहुत जरूरी है समय पर इलाज न होने से यह शरीर मे अनेक बीमारिया पैदा करदेता है
उच्च रक्त चाप का उपचार निम्न प्रकार से किया जाता है।
- घरेलू उपचार:
उच्च रक्त होने पर रोगी को नींबू का रस का सेवन करना चाहिए। जिससे शरीर की धमनियां साफ हो जाती है। और रक्त चाप नियंत्रित हो जाता है।
धनिया और जीरा को पानी में उबाल कर सेवन करने से भी रक्त चाप को नियंत्रित किया जा सकता है।
मेथी के बीजों को पीसकर पानी के साथ सेवन करने से भी रक्त चाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। - चिकित्सा उपचार:
उच्च रक्त चाप को कम करने के लिए डाययूरेटिक्स,एसीई इनहिबिटर्स,कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स जैसी दवाओं का उपयोग किया जाता है।
उच्च रक्त चाप को कम करने के लिए धूम्रपान और शराब से परहेज करें।
निम्न रक्त चाप का उपचार किस प्रकार से किया जाता है?
निम्न रक्त चाप होने पर इसका उपचार करना बहुत जरूरी है। निम्न रक्त चाप के उपचार के कुछ तरीके इस प्रकार से है –
- घरेलू उपचार:
निम्न रक्त चाप होने पर नमक और चीनी को पानी मे मिला कर पिने से रोगी को आराम मिलता है।
निम्न रक्त चाप होने पर रोगी को तुलसी के पत्तो को शहद के साथ सेवन करने से आराम मिलता है।
मुलेठी का सेवन करने से शरीर में रक्त चाप बढ़ने में मदद मिलती है। - चिकित्सा उपचार:
निम्न रक्त चाप होने पर इसका डॉक्टरी इलाज भी किया जाता है।
निम्न रक्त चाप होने पर डॉक्टर रोगी को फ्लुड्रोकोर्टिसोन ,मिडोड्रिन जैसी दवाए देता है। जिनका सेवन करने से रोगी को निम्न रक्त चाप से आराम मिलता है।
निम्न रक्त चाप होने पर रोगी को अधिक नमक का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
निम्न रक्त चाप होने पर रोगी को कॉफी का सेवन करने की सलाह दी जाती है। जिससे रोगी को निम्न रक्त चाप मे आराम मिलता है।