लकवा ( पेरालिसिस ) रोग क्या होता है? लकवा के लक्षण, कारण,और इलाज इन सब के बारे में आपको बताएंगे ?
आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में बीमारियों का सबसे प्रमुख कारण है। लकवा एक ऐसी बीमारी है। जिसके बारे में पहले से लोगो को पता नहीं चलता है। और अचानक से परेशानी ही जाती है आइए जानते है। लकवा के लक्षण और उपाय क्या है। यह क्यों होता है। लकवा का देशी इलाज क्या है। क्या आप जानते है। की लकवा किन कारणो से होता है। ऐसे बहुत सारे कारण है। जो इस स्वास्थ स्थिति को प्रभावित करने का काम करता है। लकवा या पैरेलिसिस रोग में ज्यादातर लोगो के शरीर का एक हिस्सा काम करना बंद कर देता है और काई बार असा भी होता है। की पूरा शरीर ही काम करना बंद कर देता है। ये रोग नसों में खून का प्रवाह रोकने का काम करता है। आइए जानते है किन दो मुख्य कारणों से लोग लकवा का शिकार बन जाते है। जैसा कि हमने बताया कि पैरालसिस या लकवा हमारे शरीर के भीतर छिपी समस्याओं के कारण होता है। जिसके होने के पीछे दो मुख्य कारण हो सकते है। पहला तंत्रिका तंत्र की नसें और दूसरी हमारी धमनियां। तंत्रिका तंत्र की नसें जब काम करना बाद कर देती है। तो लकवा रोग हो जाता है।
लकवा (पैरालिसिस) क्या है:-
जिसे पैरालिसिस,लकवा के नाम से भी जाना जाता है। इस हालत में शरीर के किसी एक भाग की मांसपेशियों काम नहीं करती है। ऐसे में लकवा से ग्रस्त व्यक्ति एक से ज्यादा मांसपेशियां काम नहीं करती है। ऐसी अवस्था में लकवा से ग्रस्त व्यक्ति एक से ज्यादा मांसपेशियां को हिलाने में असमर्थ होता है। यह स्थिति तब आती है। जब मांसपेशियों और मस्तिष्क के बीच सही से नहीं हो पाता है। लकवा शरीर के एक भाग में या पुरे शरीर में हो सकता है यानी शरीर के एक तरफ या दोनों तरफ हो सकता है।
लकवा के क्या लक्षण होते हैं:-
- शरीर के किसी भी हिस्से को हिलाने से भी न हिलना यह लकवा का संकेत है।
- मांसपेशियों में ऐंठन या दर्द होना।
- मांसपेशियों का कमजोर होना।
- मुंह से बार- बार लार गिरना।
- सिर दर्द होना।
- सोचने- समझने की क्षमता में कमी होना।
- मूड और व्यवहार में बदलाव होना।
- सांस लेने में परेशानी होना।
- चेहरे के के एक साइड के हिस्से में कमजोरी होना।
- लकवा अचानक से होता है पहले इस के कोई लक्षण नहीं दिखाई देते।
लकवा होने का क्या कारण है:-
- यह रीढ़ की हड्डी में चोट या नुकसान के कारण होता है।
- कई व्यक्ति जन्म से ही लकवा रोग के शिकार होते है।
- विटामिन बी की कमी के कारण भी लकवा होता है। लंबे समय तक विटामिन बी की कमी रहने से लकवा होने का खतरा बढ़ जाता है।
- किसी अंग के पास मौजूद जरूरी नस दाब जाए या फिर वो क्षतिग्रस्त हो जाए तो उस अंग में खून का प्रवाह रुक सकता है, जिससे लकवे की स्थिति पैदा हो सकती है।
- वहीं अगर कमर से शरीर के दूसरे अंगों तक जाने वाली नसें किसी कारण से कमर में चोट लगने से क्षतिग्रस्त हो जाती है तो भी लकवा हो सकता है।
- लकवा सिर्फ चोट लगने से ही नहीं होता बल्कि ज्यादा ठंढ लगने से भी हो सकता है।
- इनके अलावा कई बार सीलन वाली सतह पर बहुत देर बैठने या लेटने से भी ये स्थिति पैदा हो सकती है।
लकवा मारने से कैसे बचाव करे:-
- हमे किसे भी प्रकार का नशे नहीं करना चाहिए।
- हमे रोगों से बचने के लिए प्रतिदिन योगा करना चाहिए।
- शरीर में विटामिन बी की कमी न होने दें।
- लकवा होने पर तुरंत अस्पताल में जाना चाहिए।
- खेलकूद के समय आपको अपने शरीर को चोट लगने से बचना चाहिए।
- नशे में वाहन न चलाएं और नशे में वाहन चलाने वाले के साथ यात्रा न करें।
- रोगी व्यक्ति से छोटे बच्चों को दूर रखें। छोटे बच्चे जल्दी बीमार हो जाते है।
- रोगी व्यक्ति को समय – समय पर दवाई देते रहें। ताकि रोगी व्यक्ति जल्दी ठीक हो जाए।
- लकवा से प्रभावित अंगों पर सरसों के तेल में लहसुन मिलाकर मालिश करनी चाहिए ताकि रोगी को दर्द में आराम मिल सके।
- करेले की सब्ज़ी या जूस पीने से फ़ायदा होता है।
- तुलसी के पत्ते, दही, और सेंधा नमक मिलाकर लेप बनाकर लकवा वाले अंग पर लगाया जा सकता है।