Homeअन्य बीमारीप्लेग क्या है? प्लेग के लक्षण क्या हैं?

प्लेग क्या है? प्लेग के लक्षण क्या हैं?

प्लेग क्या है?

प्लेग एक बीमारी है जो आपको येर्सिनिया पेस्टिस बैक्टीरिया से होती है। में आपको नार्मल बतादू की यह पिस्सू के काटने से सबसे ज्यादा होती है। लेकिन आपको रोगी व्यक्ति से न्यूमोनिक प्लेग भी हो सकता है। प्लेग ने अतीत में घातक महामारी फैलाई थी। और हा आज भी कई देशों में मौजूद है। यदि आपको दवाओं से जल्दी इलाज मिल जाए तो आप प्लेग से बच सकते हैं। जिसका मतलब है की आप को यह बीमारी जानवरों से ज्यादा लगती है। यह बीमारी ज्यादा कर पिस्सू के काटने से फैलती है जो पहले किसी संक्रमित जानवर को काट चुके होते है।
प्लेग तीन प्रकार के होते है। आपको कौन सा प्लेग है यह इस पर निर्भर करता है की आपके शरीर में वाई. पेस्टिस कहां है। ब्यूबोनिक प्लेग आपके लिम्फ नोड्स को संक्रमित करता है। सेप्टिकमिक प्लेग आपके रक्त में होता है। और न्यूमोनिक प्लेग आपके फेफड़ों को प्रभावित करता है।

प्लेग के लक्षण क्या हैं:-

प्लेग के कुछ लक्षण इस प्रकार होते है। और कुछ इस बात पर निर्भर करते है कि आपको ब्यूबोनिक, सेप्टिकमिक या न्यूमोनिक प्लेग है।

  • बुखार।
  • ठंड लगना।
  • सिर दर्द और शरीर में दर्द।
  • कमज़ोरी और थकान।
  • चक्कर आना।
  • उल्टी और दस्त।
  • सांस लेने में तकलीफ सीने में दर्द, खांसी और खून या पानी वाला बलगम (न्यूमोनिक प्लेग)।
  • पेट में दर्द और नाक, मुंह या त्वचा के नीचे से रक्तस्राव (सेप्टीसिमिक प्लेग)।
  • सूजी हुई, दर्दनाक लिम्फ नोड्स (बुबोनिक प्लेग)।
  • त्वचा का रंग काला हो जाना खासकर हाथों-पैरों की उंगली और नाक की त्वचा।
  • छाती में दर्द।
  • मांसपेशियों में दर्द।
  • कमजोरी

प्लेग कितने समय तक रहता है:-

यदि उपचार किया जाए। तो आप एक या दो सप्ताह में बेहतर महसूस करेंगे। ब्यूबोनिक प्लेग से होने वाले ब्यूबोस को ठीक होने में कुछ सप्ताह लग सकते हैं।

प्लेग से मृत्यु दर क्या है:-

उपचार के बिना, प्लेग खतरनाक रूप ले लेता है। हमेशा घातक होता है। उपचार के साथ, ब्यूबोनिक प्लेग के लिए मृत्यु दर 10 से 25% और न्यूमोनिक और सेप्टिकमिक प्लेग के लिए लगभग 70 % मृत्यु दर है।

क्या प्लेग के लिए कोई टीका है:-

प्लेग से बचाव के लिए टीकों का उपयोग नहीं किया जाता है। वैज्ञानिक वर्तमान में अधिक प्रभावी प्लेग टीके बनाने पर काम कर रहे हैं।

कौन से जानवर प्लेग फैलाते हैं:-

ज्यादातर लोग का माना है। कि प्लेग चूहों के द्वारा फैलता है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। कई जानवर है जो इस रोग को फैलते है। आप जहा रहते है। उसके आधार पर किस जानवर में प्लेग होने की संभावना ज्यादा होती है। यह अलग-अलग होते है।

  • चूहे, कुत्ता, गिलहरी, सूअर।
  • अन्य छोटे स्तनधारी।
  • पालतू कुत्ते और बिल्लियाँ।
  • हिरन।
  • ऊँट।

प्लेग से बचाव कैसे करें:-

  • सबसे पहले आप आपने घर को अच्छे देखले आपके घर में चूहे तो नहीं है।
  • चूहों को ना छुएं और ना ही ऐसे जानवरों के संपर्क में आएं जो चूहे व अन्य मृत जानवरों को खाता हो।
  • आपने पालतू जानवरों को पिस्सुओं से मुक्त रखें और आपके आस-पास रहने वाले जानवरों को पिस्सू तो नहीं लगें।
  • ऐसे क्षेत्रों में यात्रा न करें जहां पर प्लेग के मामले अधिक हों।
  • ऐसी जगहों पर खाने-पीने की चीज़ ना छोड़ें जहां पर चूहे अधिक होते है।
  • बिल्ली व कुत्ते आदि जैसे जानवरों को आपके बिस्तर पर ना आने दें।
  • यदि आपके छोटे बच्चे या पालतू जानवर किसी ऐसे क्षेत्र में खेलते है। जहां पर बहुत अधिक संख्या में चूहे रहते है। तो ऐसे में उनकी अच्छे से जांच करें।
  • अगर कोई व्यक्ति प्लेग से सक्रंमित व्यक्ति के संपर्क में आया है। तो उसे आपने शरीर के लक्षणों की ध्यान पूवर्क जांच करनी चाहिए।

प्लेग को कैसे रोक सकते है:-

  • आप पिस्सू के काटने से बचकर तथा संक्रमित जानवरों के आसपास सावधानी बरतकर प्लेग के खतरे को कम कर सकते हैं।
  • झाड़ियों, लकड़ी, कूड़े के ढेर या अन्य जगहों को साफ करें जहाँ जंगली जानवर घर बना सकते हैं। पालतू जानवरों का खाना बाहर न छोड़ें और न ही जंगली जानवरों को खिलाएँ।
  • अपने पालतू जानवर के पशु चिकित्सक से पूछें कि पिस्सू से कैसे बचाव किया जाए। पालतू कुत्ते और बिल्लियाँ प्लेग फैला सकते हैं।
  • अगर आपको ऐसे जानवरों को संभालना है जो संक्रमित हो सकते हैं तो दस्ताने पहनें। इसमें जीवित और मृत जानवर दोनों शामिल हैं।
  • यदि आपको लगता है कि किसी चीज के कारण आप प्लेग के संपर्क में आए हैं। तो अपने स्वास्थ्य सेवा केंद्र से पूछें कि क्या आपको बीमार होने से बचने के लिए डॉक्टर के पास जान चाहिए।
  • घर और आस-पास की जगहों को साफ़ रखें।
  • अगर आपको लगता है कि आप प्लेग के संपर्क में आए हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें।
  • प्लेग से बचने के लिए कोई टीका नहीं है।
  • संक्रमित जानवरों को संभालते समय दस्ताने पहनें लेने चाहिए।
  • पालतू जानवरों को खुले में घूमने न दें।
  • अगर पालतू जानवर बीमार हो जाए, तो तुरंत पशु चिकित्सक से दिखाएं।
  • पालतू जानवरों को अपने बिस्तर पर न सोने दें।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments