Homeअन्य बीमारीनिमोनिया क्या है? कारण, लक्षण, उपचार और बचाव बताए ?

निमोनिया क्या है? कारण, लक्षण, उपचार और बचाव बताए ?

निमोनिया क्या है? कारण, लक्षण, उपचार और बचाव बताए ?

निमोनिया फेफड़ों को प्रभावित करने वाली एक गंभीर बीमारी का नाम है। यह रोग होने पर फेफड़ों में पानी भर जाता है और उसमें सूजन आ जाती है। यह बीमारी एक या दोनों फेफड़ों में हो सकती है। निमोनिया होने पर फेफड़ों में मौजूद वायु थैली में हवा या मवाद भर जाता है। इस वजह से मरीज को ख़ासी करने या सांस लेने में परेशानी होती है। साथ ही, साइन में दर्द भी हो सकता है। समय पर इस बीमारी का इलाज नहीं करने पर मरीज की मौत तक भी हो सकती है। आज हम आपको बताएं गऐ निमोनिया क्या होता है। इसके कारण, लक्षण,जांच और उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। निमोनिया दुनिया भर में बच्चों की मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है। यह दर्शाता है की निमोनिया एक गंभीर फेफड़ों का रोग है। दुनिया भर में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में निमोनिया से होने वाली मृत्यु लगभग 15% है। इसलिए इसके बारे में जानना बहुत ज्यादा जरूरी है। यदि आपके बच्चों को निमोनिया के लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत एक अच्छे डॉक्टर से मिलें और इलाज के विकल्पों पर बात करें।

निमोनिया क्या है:-

निमोनिया फेफड़ों का एक गभीर रोग है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। और यह रोग छोटे बच्चों,बुजुर्गों और कमजोर लोगो में अधिक होता है। मुख्य रूप से निमोनिया की समस्या तब होती है। जब रोगाणु फेफड़ों में प्रवेश करते है।तो वायु थैली में सूजन पैदा करते हैं। यह सूजन हवा की थैलियों को मवाद से भरने का कारण बन सकती है। जिससे ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती और सांस लेना मुश्किल हो जाता है। यदि आप भी इसी समस्या का सामना कर रहे हैं। तो आपको अच्छे अस्पताल में जाना चाहिए।

निमोनिया क्यों होता है:-

जैसा की हमने आपको पहले बताया है की निमोनिया का मुख्य कारण बैक्टीरिया, वायरस, और अन्य रोगाणु है। कई तरिके है, जिनसे यह रोगाणु फेफड़ों में प्रवेश करते है और निमोनिया का कारण बन सकते हैं जैसे –

  • छींकता या खांसता : जब कोई रोगी व्यक्ति बिना मुंह ढके ख़ासी या छींकता है, तो रोगाणु सां
    स नली से फेफड़ों में जा सकते है।
  • भोजन और जल के संपर्क में आना: यदि कोई व्यक्ति रोगी व्यक्ति के साथ भोजन कर लेता है। तो उसे भी निमोनिया हो सकता है। अगर रोगी को बार- बार उल्टी करता है। तो उसके संपर्क में आने से भी तो उसे निमोनिया हो सकता है।

निमोनिया के लक्षण व उपचार:-

  •  खांसी, बलगम या कफ का निकलना। यह कफ हरा,पीला या खून जैसा होता है।
  • बार- बार बुखार होना।
  • कभी-कभी पसीना आता है। और कभी ठंड लगने लगती है।
  • सांस की तकलीफ या सांस लेने में किठनाई होती है। यह समस्या अधिक होती है। जब आप कोई मेहनत वाला कार्य करते है।
  • सीने में दर्द जिसके कारण सांस लेने में तकलीफ होती है।
  • भूख लगना बंद हो जाती है।
  • दिल की धड़कन तेज होना और तेजी से सांस लेना।
  • सबसे ज्यादा छोटे बच्चों को होता है।निमोनिया रोग जन्म से लेके 5 साल तक के बच्चों को सबसे ज्यादा होता है।
  • बुजुर्ग में उम्र के चलते उन में कमजोरी आ जाती है। और उन को अनेक बीमारों का सा
    मना करना पड़ता है।

निमोनिया से बचाव के तरीके:-

  • वेक्सीन:  अच्छे डॉक्टर से सलाह लें और निमोनिया की वेक्सीन के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करें।
  • अपने असापास सफाई:  अपने आसपास सफाई का विशेष ध्यान रखें। अपने हाथों को बार- बार धोएं
    ,खांसते या छीकते समय अपना मुंह और नाक ढकें और बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचें।
  • धम्रपान छोड़ें:   धूम्रपान फेफड़ों को नुकसान पहुंचा है।और आपको निमोनिया सहित अन्य बीमारों का कारण बनता है।
  • स्वस्थ रहें:   आपने जीवन स्वस्थ बनाऐं रखें,जैसे नींद अच्छे लेनी चाहिए 7 से 8 घंटे और नियमित व्यायाम करें और तनाव से बचाव करें। इम्युनिटी को बढ़ाना निमोनिया के प्रभाव को कम कर सकता है।

बच्चों में निमोनिया का घरेलू उपचार:-

  • आराम: अपने बच्चे को जितना हो सके उतना आराम दें। इससे इनका शरीर रोगो से लड़ने के लिए तैयार ही सकता है।
  • तरल पदार्थ:  अपने बच्चों को जितना हो सके उतना तरल पदार्थ पिलाएं।
  • गर्म सिकाई:  छाती और पीठ पर गर्म सिकाई करने से छाती की बेचैनी को शांत करने में मदद मिलती है और सांस लेने में आसानी भी होती है।
  • स्टीम थेरेपी:  गर्म पानी से नहाने या गर्म पानी से भाप लेने से बलगम को ढीला करने और खांसी को कम करने में मदद मिलती है।
  • शहद:  यदि आपका बच्चा एक वर्ष से अधिक उम्र का है, तो उसे शहद देने से खांसी और गले में खराश को शांत करने में मदद मिल सकती है। याद रखें, एक साल से कम उम्र के बच्चों को शहद न दें, क्योंकि यह हानिकारक हो सकता है।

निमोनिया कितने दिनों में ठीक होता है:-

निमोनिया के इलाज के बाद, आमतौर पर व्यक्ति दस से चालीस दिनों के बीच में पूरी तरह से ठीक हो जाता है, लेकिन यह व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है।

निमोनिया के मरीज को क्या खाना चाहिए:-

  • प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने चाहिए। जैसे दाल,पनीर से बनी कोई भी सब्जी,इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए आवश्यक है।
  • फल और सब्जियों के सेवन को बढ़ाएं क्योंकि यह इम्युनिटी को बढ़ाने के साथ- साथ विटामिन से भरपूर पदार्थो का सेवन करना चाहिए।
  • शरीर को हाइड्रेट रखें।
  • उच्च प्रोटीन आहार का सेवन करना चाहिए।
  • हाइड्रेशन के लिए पानी और जूस का सेवन करना चाहिए।
  • निमोनिया में नारियल पानी पीना चाहिए।
  • निमोनिया में सेब खाना चाहिए।
  • हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।
  • खाने में गरम- गरम चीजों का सेवन करना चाहिए।
  • निमोनिया में गर्म पानी का सेवन करना चाहिए।
  • और निमोनिया के रोगी को गरम- गरम पानी से नहाना चाहिए।

निमोनिया से कौन सा अंग खराब होता है:-

  • निमोनिया रोग का फेफड़ों पर बुरा असर होता है। इसके कारण एक या दोनों फेफड़े खराब हो सकते हैं।

निमोनिया के मरीज को क्या नहीं खाना चाहिए:-

  • तला हुआ और अधिक तेलीय, घी, से बनी हुआ खाना निमोनिया के रोगी को नहीं खाना चाहिए।
  • शराब और नशीले पदार्थ।
  • बाजार में उपलब्ध जंक फ़ूड।
  • निमोनिया के रोगी को कुछ खाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

 

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