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टीबी रोग क्या है ? इस रोग के कारण ,लक्षण और उपचार के तरीके क्या है ?

टीबी रोग क्या है ? इस रोग के कारण ,लक्षण और उपचार के तरीके क्या है ?

टीबी रोग एक संक्रमक रोग है। यह एक बहुत ही पुराना रोग है। यह रोग माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया से फैलता है। इस रोग को क्षय रोग भी कहा जाता है। टीबी रोग सबसे ज्यादा फेफड़ो को प्रभावित करता है। जिन लोगो की रोग प्रतिरोध क्षमता प्रणाली कमजोर है। तो उन लोगो को तपेदिक या क्षय रोग होने का खतरा बहुत अधिक रहता है। टीबी रोग एक बहुत ही भयानक रोग है। यह एक वायुजनित रोग है। यह रोग आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्तियों मे फैल जाता है। जब किसी भी व्यक्ति को किसी करण से टीबी रोग हो जाता है। तो उसको अपने घर पर ही रहना चाहिए। टीबी रोग को खपत भी कहा जाता था। क्योकि यह रोग धीरे धीरे व्यक्ति की शक्ति और जीवन का खत्म कर देता है। इस रोग का पता लगते ही इसका इलाज करवा लेना चाहिए। टीबी रोग का उपचार एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है। टीबी रोग से बचने के लिए बीसीजी का टिका लगवाया जाता है।

टीबी रोग कितने प्रकार का होता है ?

टीबी रोग मुख्य दो प्रकार का होता है:-

  1. सक्रिय टीबी:
    यह रोग का वह प्रकार है। जिसमे रोगी के शरीर मे टीबी रोग के बैक्टीरिया अधिक प्रभावित होते है। यह एक प्रकार का संक्रमक रोग है। इस रोग मे फेफड़े बहुत प्रभावित होते है। सक्रिय टीबी रोग मे रोगी के खांसने ,छींकने या बात करने के दौरान बैक्टीरिया हवा के माध्यम से दूसरे लोगो को संक्रमित कर देते है। जिसके कारण स्वस्थ व्यक्ति भी टीबी रोग का शिकार हो जाता है। टीबी रोग का पता लगते ही इसका उपचार करवाना बहुत जरूरी है।
  2. गुप्त टीबी:
    टीबी रोग का एक गुप्त प्रकार भी है। जब किसी व्यक्ति के शरीर मे टीबी रोग के बैक्टीरिया पैदा हो जाते है। लेकिन रोग के लक्षण दिखाई नहीं देते है। और ये न ही दूसरे लोगो को संक्रमित करते। रोग के इस प्रकार के कारण रोगी की रोग प्रतिरोध क्षमता प्रणाली कमजोर होने लगती है। और रोगी को गुप्त टीबी रोग की समस्या पैदा हो जाती है। टीबी रोग का पता लगते ही इसका उपचार करवा लेना चाहिए। यह एक बहुत ही भयंकर बीमारी है।

टीबी रोग होने पर क्या-क्या लक्षण दिखाई देते है ?

टीबी रोग होने पर बहुत से लक्षण देखने को मिलते है। टीबी रोग के लक्षण काफी दिनों बाद दिखाई पड़ते है। टीबी रोग का पता चलते ही इसका इलाज करवना बहुत जरूरी है। क्योंकि यह एक संक्रमक बीमारी है।

टीबी रोग होने पर अनेक लक्षण दिखाई देते है:-

  • टीबी रोग होने पर रोगी को लगातार खांसी होती है। और खांसी के साथ खून भी आने लगता है।
  • टीबी रोग होने पर रोगी को बुखार हो जाता है।
  • टीबी रोग होने पर रोगी के सीने में दर्द होने लगता है।
  • टीबी रोग होने पर रोगी को बहुत थकान और कमजोरी महसूस होती है।
  • टीबी रोग होने पर रोगी का वजन घटने लगता है।
  • टीबी रोग होने पर रोगी को बहुत ही कम भूख लगती है।

टीबी रोग किन किन कारणों से होता है ?

टीबी रोग होने के बहुत से कारण है। टीबी रोग जीवणुऔ के कारण हवा के द्वारा रोगी व्यक्ति से दूसरे व्यक्तियो मे फैल जाता है। यह एक संक्रमक रोग है। टीबी रोग फैलने के कुछ कारण है।

  1. धूम्रपान और शराब का सेवन:
    अगर कोई व्यक्ति धूम्रपान और शराब का बहुत अधिक सेवन करता है तो उस व्यक्ति के फेफड़े कमजोर होने लगते है। जिसके कारण उस व्यक्ति को टीबी रोग होने का खतरा रहता है।
  2. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना:
    जब किसी व्यक्ति को टीबी रोग हो जाता है। और जब कोई स्वस्थ व्यक्ति उसके सम्पर्क मे आता है। रोगी के साँस से जो बैक्टीरिया बाहर निकलते है। वे बैक्टीरिया स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर देते है। टीबी रोग से पीड़ित व्यक्ति के सम्पर्क मे आने से यह रोग बहुत जल्दी हो जाता है।
  3. कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली:
    अगर कोई व्यक्ति पहले से किसी बीमीरी से ग्रस्त है। उसको टीबी रोग हो सकता है। व्यक्ति के बीमार होने पर उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। जिसके कारण टीबी हो जाता है।
  4. स्वास्थ्य सेवाओं की कमी:
    स्वास्थ्य सेवाओं की कमी की कमी के कारण भी टीबी रोग हो जाता है। टीबी रोग होने पर उसकी जाँच और उचित इलाज न होने के कारण टीबी रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।
  5. अन्य बीमारियों का होना:
    अन्य बीमारियों के होने के कारण भी टीबी रोग हो जाता है जैसे की रोगी को पहले से कोई फेफड़ो की बीमारी है। या रोगी को मधुमेह ,अस्थमा, कुपोषण या कैंसर जैसी कोई और बीमारी है। तो उस व्यक्ति को टीबी रोग हो जाता है।
  6. पोषण की कमी:
    पोषण की कमी के कारण भी टीबी रोग हो जाता है। पोषण की कमी के कारण व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है.जिसके कारण टीबी रोग हो जाता है।

टीबी रोग होने पर इसका इलाज किस प्रकर से किया जाता है ?

टीबी रोग का बचाव अनेक प्रकार किया जाता है। टीबी रोग का पता लगते ही इसका इलाज करवाना बहुत जरूरी है। अगर इस रोग का इलाज समय पर नहीं किया जाता तो यह दूसरे स्वस्थ लोगो को भी संक्रमित कर देगा। इसलिए इस रोग का पता चलते ही इसका इलाज करवाना बहुत ही जरुरी है।

टीबी रोग का बचाव निम्न तरीको से किया जाता है:-

  1. रोग को फैलने से रोकना:
    अगर किसी भी व्यक्ति को किसी करण से टीबी रोग हो जाता है। तो उसको अपने घर पर ही रहना चाहिए।
    टीबी के रोगी को अलग कमरे मे रखें।
    रोगी के कमरे को साफ सुथरा रखें।
    जब रोगी दूसरे लोगो के पास जाए। तो उसको मास्क का प्रयोग करना चाहिए।
    रोगी को खांसते ,या छींकते समय अपना मुँह ढक लेना चाहिए।
  2. टीकाकरण:
    टीबी रोग से बचने के लिए बीसीजी का टिका लगाया जाता है। रोगी को यह टिका लगवाना बहुत ही जरूरी है। इस टिके के प्रयोग से टीबी की बीमारी से बचा जा सकता है।
  3. दवाइयां का उपयोग करना:
    टीबी रोग होने पर इसके इलाज के लिए कुछ दवाइयों का उपयोग भी किया जाता है। टीबी रोग के इलाज के लिए एंटी-ट्यूबरकुलर ड्रग्स का उपयोग किया जाता है। इन दवाइयों से रोगी का इलाज 6-9 तक चलता है।
    टीबी रोग के मरीज को दवाओं का पूरा कोर्स बहुत जरूरी है। अगर रोगी समय पर दवाई नही लेता तो वह टीबी रोग से छुटकारा नहीं पा सकता।
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